शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य के सभी निकायाध्यक्षों को पत्र लिखा
श्रमिक मंत्र,देहरादून। शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य के सभी निकायाध्यक्षों को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए डा. अग्रवाल ने मानसून से पूर्व निकाय के अंतर्गत समस्त नालों व नालियों की सफाई तथा डेंगू रोग की रोकथाम व नियंत्रण के लिए कार्यवाही करने का आग्रह किया है।विभागीय मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा है कि मानसून के दौरान नालियों में ठोस अपशिष्ट आदि के जमा होने से दूषित पानी एकत्रित होता है, जिसके चलते डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि जैसे रोग पनपने लगते हैं तथा गंदा पानी रास्ते में बहने से गंदगी के साथ अव्यवस्था फैलने लगती है। ऐसे में निकायों को अपने क्षेत्रों में समुचित व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि निकाय अन्तर्गत आने वाले समस्त नालों नालियों में एकत्रित होने वाले ठोस अपशिष्ट तथा गाद की समुचित सफाई को वृहद स्तर पर सफाई अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि कूड़े का डोर-टू-डोर एकत्रीकरण का कार्य दैनिक रूप से किया जाए। उन्होंने कहा कि निकाय समस्त नालों व नालियों में कीटनाशक दवा का छिड़काव नियमित करें। साथ ही झाड़ियों व घास का कटान समय से किया जाए। उन्होंने कहा कि डेंगू आदि रोगों के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु सोर्स रिडक्शन (लार्वा कन्ट्रोल) ही सबसे उपयुक्त व कारगर उपाय है। इसके लिए समस्त वार्डों में पार्षदों के सहयोग से स्वच्छता अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि आबादी क्षेत्रों, ऐसे स्थानों, जहां साफ पानी जमा होने का खतरा हो जैसे सिमेन्ट के टैंक, अधूरे निर्माण कार्य, नव निर्माण कार्य क्षेत्र ऐसी जगह जहां डेंगू मच्छरों के पनपने का अधिक खतरा रहता हो, निर्माणाधीन परियोजनाओं आदि में डेंगू निरोधात्मक गतिविधियों का आंकलन अवश्य किया जाए।उन्होंने कहा कि आबादी क्षेत्रों में पुराने जमा टायरों, झुग्गी की छत पर प्लास्टिक शीट में पानी जमा होने पर डेंगू के मच्छर पनपने लगते हैं, यहां सफाई नियमित हो, निकाय स्तर पर टास्क फोर्स गठित करें। उन्होंने पत्र के जरिए कहा है कि निकाय स्तर पर हेल्पलाईन नम्बर भी जारी किया जाए, जिससे जन-सामान्य द्वारा जल भराव वाले क्षेत्रों, अवरुद्ध नालों नालियों आदि समस्याओं से निकाय को अवगत कराया जा सके।उन्होंने कहा कि डेंगू रोग की रोकथाम के लिए आम जन मानस का सहयोग लिया जाए। साथ ही इसकी रोकथाम के लिए प्रचार वाहनों एवं लाउड स्पीकरों के माध्यम से डेंगू से बचाव के संदेश नियमित रूप से प्रचारित किये जायें।