पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा समस्त प्रतिभागियों को कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु वचनबद्ध रहने के निर्देश दिये 

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा समस्त प्रतिभागियों को कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु वचनबद्ध रहने के निर्देश दिये 

श्रमिक मंत्र,देहरादून। मंत्री सौरभ बहुगुणा,पशुपालन, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा मोथरोवाला स्थित पशुपालन निदेशालय, देहरादून के सभागार में Mission 5 Lakh Animal Artificial Insemination Program with Sex Sorted Semen कार्यक्रम का ऑनलाइन शुभारम्भ किया। इस मौके पर सचिव, पशुपालन, निदेशक पशुपालन, मुख्य अधिशासी अधिकारी, उत्तराखण्ड लाइवस्टॉक डवेलपमेन्ट बोर्ड, मुख्य अधिशासी अधिकारी, उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड उपस्थित रहे। इसके साथ ही अपर निदेशक / संयुक्त निदेशक तथा सभी जनपदों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों, पशुचिकित्साधिकारी ग्रेड-1 व ग्रेड-2 एवं पशुधान प्रसार अधिकारियों / मैत्री कार्यकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन प्रतिभाग किया ।

डा० बी०सी० कर्नाटक, निदेशक पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा अपने स्वागत सम्बोधन में मंत्री पशुपालन नेआश्वस्त किया Mission 5 Lakh Animal Artificial Insemination Program with Sex Sorted Semen कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में पशुओं में लिंग वर्गीकृत वीर्य द्वारा (Sex Sorted Semen) कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु, विभाग वचनबद्ध है। इस हेतु पशुपालकों को कम मूल्य पर उच्च अनुवांशिक गुणों वाले सांडों का लिंग वर्गीकृत वीर्य राज्य के लगभग 1720 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों के माध्यम से पशुपालकों की मांग के अनुसार उपलब्ध कराया जायेगा। सचिव, पशुपालन, उत्तराखण्ड शासन अपने सम्बोधन में अपनी बात रखते हुए कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अपने कार्य को नौकरी न समझकर इसे सेवा समझे। उन्होंने यह भी कहा कि गौ माता की सेवा ही प्रभु सेवा है। इसके अतिरिक्त निर्देश दिये कि उक्त कार्यक्रम के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में डाटा ऐनेलेटिक्स के माध्यम से प्रतिदिन मंत्री जी को अवगत कराएं।

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने समस्त प्रतिभागियों को कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु वचनबद्ध रहने के निर्देश दिये। तथा इस बात पर बल दिया कि कृत्रिम गर्भाधान के साथ-साथ किये जा रहे कार्य की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान रखा जाए । जिससे पशुपालकों का इस तकनीक के प्रति विश्वास बना रहे एवं प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हो सके। मंत्री ने  बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस कार्यक्रम हेतु रू0 500.00 प्रति वीर्य डोज़ तथा भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन अन्तर्गत रू० 250.00 प्रति वीर्य डोज़ का अनुदान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कई जनपदों द्वारा जिला योजना के अन्तर्गत भी अनुदान दिया जा रहा है।

इस मिशन से लगभग 35 प्रतिशत संतति उत्पन्न करने का लक्ष्य हैं। जिससे प्रतिवर्ष 90 प्रतिशत की दर से कुल 1.575 लाख मादा बछिया उत्पन्न होंगी। इन उच्च नस्ल की इन बछियाओं द्वारा भविष्य में 8 लीटर की औसत दर से 12.60 लाख लीटर दूध प्रति दिन उत्पादित होगा जिससे रू0 43.00 प्रति लीटर की औसत दर से विक्रय कर पशुपालकों को प्रति वर्ष रू0 1625.40 करोड़ की आय प्राप्त होगी। यह नवीनतम तकनीक प्रधान मंत्री के पशुपालकों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु मील का पत्थर साबित होगी तथा अवांछनीय नर बछड़ों की संख्या में कमी के साथ ही निराश्रित गौवंश के पशुओं की संख्या में भी कमी आयेगी।