एसजीआरआयू-जैनिथ 2024 में हेमा नेगी और शुगर बैंड ने मचाई धूम

छात्र-छात्राओं के साथ फैकल्टी सदस्यों ने भी उठाया कार्यक्रम का लुत्फ
छात्र-छात्राओं ने रैंप वाॅक के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की झलक पेश की

श्रमिक मंत्र,देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में तीन दिवसीय वार्षिक फैस्ट जैनिथ 24 के दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।

आयोजित सांस्कृतिक संध्या में उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी और युवाओं के बीच लोकप्रिय दिल्ली के शुगर रॉक बैंड ने अपनी धमाकेदार प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।

एसजीआरआरयू के प्रांगण में गीत संगीत का सुरूर छात्र-छात्राओं ंपर देर रात तक छाया रहा। पूरे कार्यक्रम के दौरान एसजीआरआरयू के कुलपति प्रोफेसर डाॅ यशबीर दीवान एवम् कुलसचिव डाॅ अजय कुमार खण्डूड़ी ने छात्र-छात्राओं का भरपूर उत्साहवर्धन किया।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) के खेल मैदान पर आयोजित फेस्ट के दूसरे दिन हेमा नेगी करासी ने नृसिंह जागर के साथ देवताओं का आह्वान कर कार्यक्रम की शुरुआत करके पूरे परिसर में उत्तराखण्ड देवभूमि की झलक पेश की।

हेमा करासी ने गिरी गेंदुवा, मेरी बामणी, भलो लगद मेरो मुलुक, चैत की चैत्चाली, पधानों की नौनी लक्षिमा…सहित कई बेहतरीन लोक गीतों की प्रस्तुतिया दीं। छात्र-छात्राओं के साथ फैकल्टी सदस्यों ने भी गढ़वाली धुनों पर जमकर ठुमके लगाए।

लोक गायिका और जागर गायिका हेमा नेगी करासी ने जय बदरी विशाल की स्तुति के बाद जाग नंदा ह्यूं का हिंवाला, जाग नंदा ऊंचा हिंवाला.. गीत से पूरे पंडाल को आनंदमय बना दिया। हेमा नेगी के मां नंदा के गीत पर पूरा पंडाल झूम उठा।

इसके बाद गिर गेन्दुवा.., कंचनी कैलाशों, अमराऋबान, मेरी बामणी, गुडडू का बाबा, भीमू हे , मोहना गेल्या, गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।

गीत शुरू होने से पहले पंडाल में आए हजारों छात्र-छात्राओं ने कलाकारों का गर्मजोशी के साथ उत्साहवर्धन किया। पूरा खेल मैदान छात्र-छात्राओं से ठसाठस भरा रहा। देर रात तक दर्शक हेमा नेगी के गीतों पर थिरकते रहे।

वहीं प्रसिद्ध शुगर रॉक बैंड ने अपनी प्रस्तुतियों से युवाओं को नए पुराने तरानों की धुनों पर जमकर डांस करवाया। छात्र -छात्राओं ने इस अवसर पर अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन भी किया।

इस सांस्कृतिक संध्या में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रैंप वॉक के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों की झलक पेश की।