इंडिया गठबंधन और जन संगठनों ने राज्य में कई जगह धरने प्रदर्शन और मार्च किये
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इन प्रदर्शनों द्वारा उत्तराखंड सरकार पर हिंसक घटनाओं और साम्प्रदायिक अभियानों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। बनभूलपुरा घटना की न्यायिक जांच करने की भी मांग की गई।
देहरादून में इंडिया गठबंधन और जन संगठनों की ओर से एक मार्च निकाला गया। यह मार्च गांधी पार्क से शुरू होकर घंटाघर होते हुए वापस गांधी पार्क पहुंचा। मार्च से पहले गांधी पार्क के गेट पर एक सभा का आयोजन किया गया।
इस सभा में विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने आरोप लगाया कि आठ फरवरी और उसके बाद हुई घटनाओं में साफ साफ राज्य सरकार की जल्दबाजी, लापरवाही और राजनीतिक एजेंडा दिख रहा है।
कविताओं का कहना था कि जब 70 प्रतिशत हल्द्वानी शहर नजूल भूमि पर बना हुआ है और सरकार के पास इस जगह में बन रही स्थिति की पूरी जानकारी थी, तो इतनी जल्दबाजी दिखाने की क्या जरूरत थी? घटना के बाद निष्पक्ष और संविधान के अनुसार कानूनी कारवाई करने के बजाय, इस घटना को साम्प्रदायिक रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बनभूलपुरा में जो कुछ हुआ, वह शर्मनाक है और पूरी तरह से प्रशासन की विफलता है। उन्होंने निर्दोष लोगों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई को बंद करने की मांग की।
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भाकपा माले के इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि जब 14 फरवरी को कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होनी थी कि इतनी जल्दबाजी क्यों की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस लगातार बनभूलपुरा में दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। घरों में घुसकर लोगों को पीटा जा रहा है।
महिलाओं को भी नहीं बख्शा जा रहा है। उन्होंने हल्द्वानी नगर निगम के कमिश्नर पंकज उपाध्याय को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया और सवाल किया कि वे किसकी शह पर पिछले कई सालों से हल्द्वानी में ही अलग-अलग पदों पर नियुक्त होते रहे हैं।
सिविल सोसायटी की ओर से डॉ. रवि चोपड़ा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इस तरह की घटना इससे पहले कभी नहीं हुई थी, जैसी बनभूलपुरा में हुई। उनका कहना था कि बिना सरकारी संरक्षण के इतनी बड़ी घटना होना संभव नहीं है। डॉ. चोपड़ा ने इस मामले में सामान्य नियमों की भी अनदेखी किये जाने का आरोप लगाया।
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सभा में कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, शीशपाल सिंह बिष्ट, याकूब सिद्धिकी, जसविन्दर सिंह गोगी, सीपीआई के अनंत आकाश, अखिल भारतीय किसान सभा के सुरेन्द्र सिंह सजवान, सीटू के लेखराज, महेन्द्र जखमोला, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट व इंद्रेश नौटियाल, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट, रजिया बेगम, मल्लिका विर्दी, पद्मा गुप्ता, सतीश धौलाखंडी, बीजू नेगी, दीपा कौशलम, शिवानी पांडेय, तान्या गौरी, हेमलता नेगी, त्रिलोचन भट्ट, लताफत हुसैन, नितिन मलेठा, नवनीत गुसाई, एसएस नेगी, आकाश, कैलाश सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।
बनभूलपुरा घटना के विरोध में विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी की ओर से देहरादून के अलावा हल्द्वानी, मुनस्यारी और गरुड़ में भी प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। काशीपुर, हरिद्वार और कई अन्य जगहों पर को प्रदर्शन किया जाएगा।