विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलों को आपदा को लेकर भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं

आपदा की गलत सूचना प्रसारित करने वाले पर मुकदमा
सचिव आपदा प्रबंधन ने लिया धारचूला मामले का संज्ञान
धारचूला में पुल बहने तथा झील बनने की गलत सूचना की थी प्रसारित

श्रमिक मंत्र,देहरादून। आपदा को लेकर भ्रामक और गलत सूचनाएं प्रसारित करने वालों के खिलाफ सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन में कड़ा रुख अपनाया है।

धारचूला तहसील में कुलागाड़ में बादल फटने से पुल टूटने और बांध बनने की गलत और भ्रामक सूचना प्रसारित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

सुमन ने सभी जिलों को आपदा को लेकर भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि शुक्रवार शाम को विभिन्न शोसल मीडिया प्लेटफार्म में धारचूला तहसील स्थित कुलागाड़ में बादल फटने से पुल टूटने और बांध बनने की सूचना प्रसारित हुई।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने तुरंत जिला प्रशासन को अलर्ट किया।

पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने इस घटना को लेकर जानकारी जुटाई तो यह सूचना गलत पाई गई।

उन्होंने बताया कि भ्रामक सूचना प्रसारित करने वाले व्यक्ति की पहचान कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

सचिव सुमन ने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54 में स्पष्ट प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति आपदाओं को लेकर भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करता है तो दोषसिद्ध होने पर एक साल की जेल और जुर्माने का भी प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति भविष्य में ऐसी सूचनाएं प्रसारित करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने विभिन्न बांधों के सायरनों की नियमित तौर पर टेस्टिंग करने के निर्देश दिए।

बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) राजकुमार नेगी,संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो अब्दुल्लाह अंसारी,एसईओसी के दिवस प्रभारी मनीष भगत,रोहित कुमार,हेमंत बिष्ट मौजूद थे।सभी जिलों के डीडीएमओ ने बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग किया।

राहत राशि जल्द मिले, बनेंगी ब्लॉक स्तर पर टीमें

आपदा के बाद जन हानि,पशु हानि या संपत्ति की हानि होने पर सहायता धनराशि प्रभावितों तक चौबीस घंटे के अंदर पहुंचे, इसके लिए सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने सभी जनपदों में ब्लॉक स्तर पर टीमें गठित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि यह टीम आपदा आने के तुरंत बाद मौके पर जाकर सर्वे कर नुकसान का आकलन करेगी।

उन्होंने ऊधमसिंह नगर जिले में बाढ़ प्रभावितों को सहायता राशि मुहैया कराने के लिए और अधिक टीमें गठित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने बीमा कंपनियों के स्तर पर क्लेम निस्तारण में विलम्ब का भी संज्ञान लिया।

उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां तुरंत सर्वे कर क्लेम का निस्तारण करें, जिलों के स्तर पर यह सुनिश्चित किया जाए।

पशुओं का मौके पर होगा पोस्टमार्टम

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने आपदा के दौरान पशु हानि होने पर मृत पशुओं का मौके पर जाकर पोस्टमार्टम करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में मृत पशुओं को पशु चिकित्सालय तक लाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है।

उन्होंने सभी डीडीएमओ को निर्देश दिए कि इस संबंध में पशुपालन विभाग के साथ समन्वय बनाया जाए और जहां पशु की मृत्यु हुई हो,वहीं उसका पोस्टमार्टम किया जाए।

उन्होंने कहा कि पशु बीमा के मामलों का भी बीमा कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित कर शीघ्रता से निस्तारण किया जाए।

जल लेने गौमुख नहीं जा पाएंगे कांवड़िये

गंगोत्री धाम से आगे लकड़ी की पुलियाएं क्षतिग्रस्त होने के कारण इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िये जल लेने गोमुख नहीं जा पाएंगे।

उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम से आगे लकड़ी की पुलियाएं क्षतिग्रस्त हैं, लिहाजा सुरक्षा के दृष्टिगत कांवडिये इससे आगे नहीं भेजे जाएंगे। उन्हें गंगोत्री से जल भरकर लौटना होगा।

राज्य में जल्द अधिसूचित होगा आईआरएस

आईआरएस यानी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम का जल्द नोटिफिकेशन जारी होगी।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि प्राधिकरण की अगली बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इसका नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा।

भिकियासैंण में एसडीआरएफ के जवान होंगे तैनात

सल्ट, चौखुटिया, भिकियासैंण और इसके आस-पास के इलाकों में आपदा के समय एसडीआरएफ के जवान तुरंत राहत और बचाव कर सकें,इसके लिए सचिव आपदा प्रबंधन ने भिकियासैंण में एसडीआरएफ के जवान तैनात करने के निर्देश दिए।

डीडीएमओ अल्मोड़ा विनीत पाल के सुझाव पर उन्होंने कसारदेवी में तैनात एसडीआरएफ बटालियन से जवान भिकियासैंण में तैनात करने के निर्देश दिए।