हर एक जुबां पर पहाड़ की जवानी और पहाड़ के पानी प्रदीप मेहरा की बात

 

हर एक जुबां पर पहाड़ की जवानी और पहाड़ के पानी प्रदीप मेहरा की बात

श्रमिक मंत्र, देहरादून। पहाड़ की जवानी और पहाड़ के पानी को रोकने की बात कई मंचों पर होती है लेकिन पहाड़ की जवानी के संघर्ष और पेट की भूख मिटाने की तस्वीर कभी-कभी ही सामने आती है। फिल्म निर्माता विनोद कापड़ी ने फेसबुक पोस्ट पर अल्मोड़ा के प्रदीप मेहरा के संघर्ष को साझा किया है। नोएडा में अपनी कार से रात 12 बजे जा रहे विनोद कापड़ी को 19 साल का प्रदीप मेहरा कंधे पर बैग लेकर अकेला दौड़ता मिला। उसे बार-बार लिफ्ट का ऑफर दिया लेकिन उसने मना कर दिया। प्रदीप ने बताया कि वह एक फैक्टरी में काम करता है। सेना में भर्ती होने के लिए वह दौड़ लगा रहा है।दौड़ लगाने का यही समय मिलता है। इसके बाद ही वह कमरे में जाकर खाना बनाता है। उसे सुबह आठ बजे फैक्टरी जाना होता है इसलिए सुबह दौड़ नहीं सकता। यहां वह अपने भाई के साथ रहता है। भाई की रात की ड्यूटी होती है। गांव में मां बीमार है। उसका इलाज चल रहा है। वह रोज दस किमी दौड़ता है। यह उसका रूटीन है। विनोद कापड़ी ने उसकी मदद करनी चाही लेकिन उसने साफ-साफ मना कर दिया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी इसे साझा करते हुए कहा है सफलता पाने के लिए हौसला होना जरूरी है। मुझे प्रदीप में हौसला, जुनून, सकारात्मक विचार, आत्मविश्वास सब नजर आ रहा है। प्रदीप आप यूं ही संघर्ष जारी रखो। आपको जरूर सफलता मिलेगी। आपको मेरा ढेर सारा आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं। श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।