उत्तराखंड के जंगलों में दिखा जलवायु परिवर्तन का असर

 

उत्तराखंड के जंगलों में दिखा जलवायु परिवर्तन का असर

श्रमिक मंत्र, देहरादून। जलवायु परिवर्तन का असर उत्तराखंड के जंगलों में दिखने लगा है। वन विभाग की अनुसंधान विंग द्वारा कुमाऊं मंडल के मुनस्यारी क्षेत्र में किया गया अध्ययन इसकी पुष्टि करता है। यहां के वनों में बुरांस (रोडोडेंड्रान आरबेरियम), काफल (माइरिका एसकुलेंटा), हिंसालू (रूबस इलिप्टिकस) व भेंकल (प्रिंसीपिया यूटिल्स) प्रजातियों में निर्धारित समय से दो-तीन माह पहले ही फूल खिल रहे हैं। यह भी संभावना जताई गई है कि इससे परागण की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी के अनुसार अब यह अध्ययन भी कराया जाएगा कि समय से पहले खिलने से फलों की गुणवत्ता में कोई अंतर तो नहीं आया है। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से ये बात सामने आ रही है कि अलग-अलग क्षेत्रों में राज्य वृक्ष बुरांस के फूल समय से पहले खिल रहे हैं। कुछ अन्य प्रजातियों में भी ऐसा देखा गया। इसे देखते हुए वन विभाग की अनुसंधान विंग ने मुनस्यारी क्षेत्र के जंगलों में अध्ययन कराने का निर्णय लिया। गत वर्ष किए गए इस अध्ययन की रिपोर्ट हाल में जारी की गई। मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी के अनुसार अध्ययन के दौरान चार प्रजातियों पर मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन का प्रभाव नजर आया।श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।