उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2021
20 नवंबर को शीतकाल हेतु श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जायेंगे।
• श्री बदरीनाथ क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सहित सभी ब्यवस्थायें सुचारू ।
•श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति विगत सोमवार 8 नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हुई।• धामों के तीर्थ पुरोहितों से प्राप्त जानकारी में बताया गया कि कपाट बंद होने के बाद परंपरागत रूप श्री गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजाएं गद्दीस्थल मुखबा( मुखीमठ) तथा श्री यमुना जी की शीतकालीन पूजाएं खरसाली(खुशीमठ) में संपन्न हो रही हैं।
• श्री बदरीनाथ क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सहित सभी ब्यवस्थायें सुचारू ।
•श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति विगत सोमवार 8 नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हुई।• धामों के तीर्थ पुरोहितों से प्राप्त जानकारी में बताया गया कि कपाट बंद होने के बाद परंपरागत रूप श्री गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजाएं गद्दीस्थल मुखबा( मुखीमठ) तथा श्री यमुना जी की शीतकालीन पूजाएं खरसाली(खुशीमठ) में संपन्न हो रही हैं।
•उत्तराखंड चार धाम श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री में कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थलों में छ: माह होती हैं शीतकालीन पूजाएं।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि अभी चार लाख पिचत्तर हजार से अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड चारधाम दर्शन को पहुंचे हैं। श्री केदारनाथ धाम सहित श्री गंगोत्री-यमुनोत्री जी के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है।
जबकि 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
तीर्थयात्री बड़ी संख्या में श्री बदरीनाथ धाम पहुंच रहे है।
देहरादून से श्रमिक मंत्र संवाददाता मोनू राजवान की रिपोर्ट