परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने 24 घंटे में पलट दिया रोडवेज प्रबंध निदेशक का चार डिपो के विलय का आदेश
श्रमिक मंत्र, देहरादून। खर्च में कटौती के नाम पर रोडवेज प्रबंध निदेशक रंजना राजगुरू का चार डिपो के विलय का आदेश परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने 24 घंटे में पलट दिया। मंत्री ने न केवल डिपो के विलय करने पर रोक लगाई बल्कि ऐसा आदेश करने से पूर्व उन्हें विश्वास में न लेने पर रोडवेज अधिकारियों को भी आड़े हाथों लिया। अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया और फटकार भी लगाई गई। परिवहन मंत्री ने प्रकरण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देने की बात भी कही। कोरोना के बाद से आर्थिक तंगी के खराब दौर से गुजर रहे रोडवेज प्रबंधन ने सोमवार को बड़ा निर्णय लेते हुए चार डिपो का दूसरे डिपो में विलय कर दिया था। श्रीनगर डिपो का ऋषिकेश, रुड़की का हरिद्वार, रानीखेत का भवाली एवं काशीपुर का रामनगर डिपो में विलय किया गया था। रोडवेज की प्रबंध निदेशक रंजना राजगुरू के आदेश में बताया गया था कि अब रुड़की, श्रीनगर, काशीपुर व रानीखेत का संचालन केवल बस स्टेशन के तौर पर किया जाएगा। हालांकि, प्रबंधन का दावा था कि बसों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और तय समय-सारणी के अनुसार ही बसों का संचालन होता रहेगा। रोडवेज के अब तक प्रदेश में 18 डिपो थे, लेकिन नए आदेश के बाद अब यह संख्या 14 रह गई थी। इस आदेश का रोडवेज के कर्मचारी संगठनों ने सोमवार शाम से विरोध शुरू कर दिया था। मंगलवार सुबह रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश पंत के साथ कार्मिकों के प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री चंदन रामदास से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। परिषद ने प्रबंधन के आदेश पर विरोध जताया और कहा कि जहां प्रदेश में डिपो व बस अड्डे बढऩे चाहिए, प्रबंधन उन्हें कम कर रहा। वहीं, उत्तराखंड रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रदेश महामंत्री रविनंदन कुमार के नेतृत्व में परिवहन मंत्री से मुलाकात कर निर्णय पर आक्रोश जताया। कर्मचारियों ने उनसे मांग रखी कि तत्काल इस आदेश पर रोक लगाई जाए। परिवहन मंत्री ने आदेश का प्राथमिक अध्य्यन कर इसे अनुचित माना व रोडवेज अधिकारियों को तत्काल इसे स्थगित करने के आदेश दिए। वहीं, रोडवेज अधिकारियों की मानें तो डिपो का विलय का निर्णय पूर्व में रोडवेज की बोर्ड बैठक में लिया गया था और यह मुख्यमंत्री की जानकारी में है। इस संबंध में अब उच्च स्तर पर ही नया निर्णय लिया जाएगा। श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।