सिंधु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की निहंगों ने तालिवानी अंदाज़ में कर दी हत्या
निहंगों ने तालिवानी अंदाज़ में कर दी हत्या। पहले लखबीर सिंह के हाथ पैर बाँध कर टांग दिया और फिर लखबीर के एक हाथ काट कर शरीर से अलग कर दिए। और फिर उसके एक पैर भी काट दिए। बाबजूद भी निहंगों का दिल नहीं भरा तो और मरने के बाद उनकी बॉडी संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच से कुछ दूरी पर सड़क किनारे बैरिकेड से टांग दी। आइए हम जानते हैं कि आखिरकार निहंगों ने लखबीर सिंह की हत्या क्यों की।
श्रमिक मंत्र ,देहरादून। सिंघु बॉर्डर पर धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के आरोप के चलते मार दिए गए लखबीर सिंह का एक और वीडियो सामने आया है। वीडियो उनकी हत्या से पहले का है,इसमें लखबीर सिंह सही-सलामत हाथ-पैरों के साथ जमीन पर लेटे हैं। उनकी टांगें बंधी हैं,कपड़े के नाम पर केवल कच्छा पहना है। पीठ के बल पड़े लखबीर सिंह निहंगों से घिरे हैं,वीडियो में वो बोल रहे हैं कि उन्हें 30 हजार रुपए दिए गए थे। हालांकि किस काम के लिए दिए गए,ये साफ नहीं है। लखबीर सिंह की बातों से ऐसा लग रहा है कि उनके साथ एक और युवक था। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें लखबीर सिंह गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के लिए भेजे जाने की बात कबूल कर रहे हैं। हालांकि 30 हजार रुपये किस बात के लिए दिए गए ये बात वीडियो से साफ नहीं हो पाती है। सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्टूबर को लखबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। तरनतारन जिले के चीमा गांव के रहने वाले लखबीर का पहले एक हाथ और पांव काटा गया और मरने के बाद उनकी बॉडी संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य मंच से कुछ दूरी पर सड़क किनारे बैरिकेड से टांग दी गई। मौके पर मौजूद निहंगों ने दावा किया था कि लखबीर ने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की थी, जिसकी सजा उन्हें दी गई। इस मामले में अब तक चार निहंग सरबजीत सिंह,नारायण सिंह,भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। दि ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, इस मामले की जांच के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार ने बुधवार 20 अक्टूबर को स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम यानी SIT का गठन कर दिया। बताया गया है कि SIT निहंगों के नेता अमन सिंह,उनके ग्रुप की गतिविधियों, सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की हत्या और बर्खास्त पुलिसकर्मी गुरमीत सिंह ‘पिंकी’ की केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात और कुछ निहंग नेताओं के बारे में पता लगाएं।
DGP वरिंदर कुमार को SIT का प्रमुख बनाया गया है। इसके अलावा,पंजाब के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से बात की है। रंधावा ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह से आग्रह किया है कि वे बाबा अमन सिंह की गतिविधियों के बारे में पता लगाने के लिए विभिन्न निहंग समूहों की बैठक बुलाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई फर्जी निहंग नेता सामने आए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक,बाबा अमन सिंह एक निहंग संप्रदाय और कनाडा के ओंटारियो स्थित एक सिख समूह के प्रमुख है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि बाबा अमन सिंह किसान आंदोलन को खत्म करने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा हो सकते हैं। इस आशंका की वजह बाबा अमन सिंह की कुछ तस्वीरें हैं,जिनमें वो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और दूसरे ठश्रच् नेताओं के साथ नजर आ रहे हैं। ये तस्वीरें ऐसे समय में निकल कर आई हैं जब लखबीर सिंह हत्याकांड को लेकर पंजाब की राजनीति गरमाई हुई है। इस हत्या का आरोप जिन निहंगों पर लगा है, उन्हें बाबा अमन सिंह के समूह का सदस्य बताया गया है। श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।