कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की प्रदेश पहल रंग लाते दिखाई दे रही है
श्रमिक मंत्र,देहरादून। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की पहल रंग लाते दिखाई दे रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि कृषकों के सुझावों के बाद शासनादेश जारी हुआ हो। एप्पल मिशन योजनान्तर्गत सेब उत्पादन को बढ़ावा देते हुए कृषकों की आय में वृद्धि किये जाने व स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार सृजन करने हेतु कृषकों एवं पौधशाला स्वामियों सुझाव आमन्त्रित को ध्यान में रखकर तीनों माडलों में से कृषकों को चयन की स्वतन्त्रता प्रदान करने सम्बन्धी शासनादेश आज जारी किया गया है।जिसमें 03 माडलों को सम्मिलित किया गया है।
अ) एम-9,एम-7 एवं अन्य सीरीज आदि क्लोनल रूट स्टाक आधारित स्पर प्रजाति के सेब बगीचों की स्थापना।
ब) एम0एम0-106, एम0एम0-111 या अन्य सीरीज आदि रूट स्टाक आधारित स्पर प्रजातियों के बगीचों की स्थापना।
स) सीडलिगं रूटस्टाक आधारित अतिसघन बगीचों की स्थापना।
सेब उत्पादन को बढ़ावा देते हुए प्रदेश एवं कृषक हित में मिशन एप्पल योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित मुख्य शर्तों को सम्मिलित किया गया हैः- कास्तकार स्वेच्छा से अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी मानक/विशिष्टियों के अनुसार सेब बागानों की स्थापना कर सकता है। सेब बगीचों की स्थापना हेतु उच्च गुणवत्ता युक्त रोपण सामग्री का प्रजातिवार चयन काश्तकार अपनी आवश्यकतानुसार करने को स्वतंत्र है। पौध रोपण सामग्री का राज्य के बाहर से आयात किया जाता है तो पौधों का रैंडमली डी0एन0ए0 फिंगर प्रिन्ट लिया जायेगा तथा बारकोड लागू किये जाने की कार्यवाही की जायेगी। योजनानुसार सेब बागानों की अधिकतम लागत रू 12.00 लाख का 80 प्रतिशत या अधिकतम रू 9.60 लाख राजसहायता देय है।अधिकतम लागत रू0 12.00 लाख का 20 प्रतिशत कृषक अंश की धनराशि रू0 2.40 लाख या क्षेत्रफल के अनुसार समानुपातिक पर कृषक द्वारा वहन किया जायेगा। कृषक अंश की धनराशि का बैंक ड्राफ्ट मुख्य कार्यकारी अधिकारी,औद्यानिक विपणन बोर्ड, देहरादून के नाम तैयार कर सम्बन्धित मुख्य/जिला उद्यान अधिकारी/उद्यान विशेषज्ञ कोटद्वार के माध्यम से उपलब्ध कराना होगा। राज्य में सेब बागान स्थापित करने वाले कृषकों को विभाग/संस्था/पंजीकृत फर्मों/कम्पनियों/नर्सरियों/औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार, सीआईटीएच, मुक्तेश्वर आदि के द्वारा नवीनतम तकनीकों की जानकारी प्रदान करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कृषक अपने अंश की धनराशि की व्यवस्था हेतु सहकारिता विभाग में संचालित दीन दयाल उपाध्याय किसान सहकारिता योजना के अंतर्गत ब्याज रहित ऋण प्राप्त कर सकता है। काश्तकारों को 0.04 है0 से 0.40 तक (02 नाली से 20 नाली तक) समानुपातिक लाभान्वित किया जायेगा। बगीचे की स्थापना करने वाली संस्था/पंजीकृत फर्मों/कम्पनियों/नर्सरियों के द्वारा उच्च गुणवत्ता युक्त, रोग/वायरस रहित व मानकों के अनुरूप पौधों के रोपण व सफलता की गारन्टी लेनी होगी तथा पौध रोपण उपरान्त 03 वर्षों तक काश्तकारों को पौधों की ट्रेनिंग, कटाई-छटाईं,खाद/उर्वरक/माइक्रो न्यूट्रेंट आदि के प्रयोग व सिंचाई आदि की जानकारी प्रदान करते हुए प्रयोग किया जायेगा।
सम्बन्धित विभागीय अधिकारी/कर्मचारी की पूर्ण जिम्मेदारी होगी की समय समय पर बगीचे का भ्रमण कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना होगा। यदि बगीचा असफल होता है तो बगीचा स्थापित करने वाले संस्था/पंजीकृत फर्मों/कम्पनियों/नर्सरियों के साथ-साथ सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी की भी जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी। मिशन एप्पल योजना का क्रियान्वयन उत्तराखंड औद्यानिक विपणन बोर्ड के माध्यम से सेब उत्पादन से सम्बंधित संस्था/पंजीकृत फर्मों/कम्पनियों/नर्सरियों के माध्यम से समानुपातिक पर किया जायेगा।
मंत्री कार्यालय से जारी प्रेस नोट में कृषि मंत्री द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री कृषि विकास योजनान्तर्गत रु0 16.56 करोड़ की लागत के कीवी विकास के लिए प्रस्ताव क्रियान्वयन हेतु भी मानक स्वीकृति सम्बन्धी शासनादेश भी आज जारी कर दिया गया है। कीवी उत्पादन को बढ़ावा देते हुए कृषकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने हेतु प्रदेश के 05 जनपदों (चमोली,रूद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर, चम्पावत) में इस योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। इसमें भी कृषकों को 80 प्रतिशत राजसहायता दी जाऐगी और 20 प्रतिशत के साझेदार किसान स्वयं होगा। यह सुविधा प्रति एकड़ रुपये 12 लाख तक होगी।