अपराधियों को सरंक्षण नही, सलाखों मे भेज रही धामी सरकार, कांग्रेस के आरोप बेतुके: चौहान

अपराधियों को सरंक्षण नही, सलाखों मे भेज रही धामी सरकार, कांग्रेस के आरोप बेतुके: चौहान

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि धामी सरकार ने अब तक हर अपराधी के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उन्हे सरंक्षण नही बल्कि सलाखों के पीछे पहुंचाया है। उन्होंने हाल की घटनाओं पर कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों को आधारहीन और बेतुका बताया। चौहान ने कहा कि ऐसी जो भी घटनाएं सामने आयी उनमे तत्काल कार्यवाही की गयी और अपना, पराया अथवा बड़े रसूखदार को भी नही बख्शा गया है। कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या किसी मामले मे किसी आरोपी को सरंक्षण मिला है? उन्होंने कहा कि हरिद्वार मे नाबालिग के अपराधी सलाखों के पीछे है और भाजपा से जुड़े व्यक्ति पर आरोप लगते ही पार्टी से निष्काषित कर दिया गया। पुलिस ने पारदर्शिता से जाँच कर मामले का पूरी तरह से खुलासा कर दिया है। चौहान ने कहा कि किसी भी मामले मे पार्टी से जुड़े किसी भी व्यक्ति को न सरंक्षण और न ही किसी तरह का प्रोत्साहन मिला है। जितने भी मामले अब तक सामने आये हैं उनमे निष्पक्ष जांच और आरोपियों को कानून के दायरे मे लाया गया है। चौहान ने कांग्रेस को स्मरण कराया कि उन्हे पहली निर्वाचित सरकार मे कांग्रेस के कार्यकाल का भी अवलोकन करने की जरूरत है जब पूरी मशीनरी बेलगाम और कई जिम्मेदार सीधे तौर पर हर अपराध मे संलिप्त थे। कांग्रेस के चाल चरित्र से हर कोई वाकिफ है और उसे अपने गिरेवान मे झांकने की जरूरत है। धामी सरकार प्रदेश मे जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य कर रही है और जमीन के फर्जीवाड़े से लेकर भर्ती घोटालों और अन्य अपराधों मे लिप्त अपराधियों मे खौफ है। भाजपा की कथनी और करनी मे फर्क नही है।उन्होंने आपातकाल को लेकर दिये कांग्रेस अध्यक्ष के बयान को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि संविधान का गला घोंटकर आपातकाल लागू करने वाले आज देश विदेश मे संविधान के खतरे का राग अलाप रहे हैं। आपातकाल को जायज ठहराने की कांग्रेस चाहे जितनी दलीलें दे, लेकिन जनता कड़वी यादों के उस दौर को भूली नही है। जनादेश कांग्रेस के खिलाफ था और देश के सामने यह बात साफ तौर पर सामने आयी कि कांग्रेस संविधान को कमजोर कर तानाशाही करती रही है। यह भी कांग्रेस की तानाशाही ही है कि आज तक कांग्रेस उस कारनामे पर माफी मांगने के बजाय उसे सही ठहरा रही है।