इस बार 25 से 40 प्रतिशत तक बढ़े स्टेशनरी के दाम
श्रमिक मंत्र, देहरादून। कोरोना के कारण दो साल तक बाधित रही शिक्षा व्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद के साथ छात्र-छात्राओं व अभिभावकों ने नए सत्र की तैयारी शुरू कर दी है। अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र के लिए किताबें, यूनिफार्म आदि की खरीदारी शुरू हो गई है। कापी-किताबों की खरीदारी के लिए दुकानों पर भीड़ उमडऩे लगी है। इस बार स्टेशनरी के दाम 25 से 40 प्रतिशत तक बढ़े हुए हैं। कागज महंगा होने से कापी-किताबों के लिए भी अधिक मूल्य चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई अधिक खर्चीली होने वाली है। अभिभावकों को पेंसिल, रबर से लेकर कलर, औजार बाक्स तक के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। पांच से 10 रुपये के सामान की कीमत में तीन से पांच रुपये की वृद्धि हुई है। स्केच पैन, कलर बाक्स जैसे सामान जो पिछले वर्ष तक 60 से 80 रुपये में मिला करते थे, अब उनकी कीमत 15 से 30 रुपये तक बढ़ गई है। कापियों की कीमत भी बढ़ गई है। कापियों के दाम में 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आई है। किताबों की कीमत में भी तेजी आई है। निजी प्रकाशकों ने पुस्तकों के दाम 15 से 20 प्रतिशत बढ़ाए हैं।श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।