देहरादून की एक महिला किसान बनी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत

 

देहरादून की एक महिला किसान बनी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत

श्रमिक मंत्र, देहरादून। अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो मंजिल अपने आप ही मिल जाती है। देहरादून की एक महिला किसान अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं। इस महिला किसान ने मशरूम की खेती को स्वरोजगार जरिया बनाया। इतना हीं इस स्वरोजगार से मुनाफा भी कमा रही है। जी हां, हम बात करें देहरादून जिला के नकरौंदा गांव स्थित जीरो प्वाइंट क्षेत्र निवासी गीता उपाध्याय के बारे में। गीता गांव में अजय स्वावलंबन केंद्र का संचालन करती हैं। यहां यह सब्जी उत्पादन, पशुपालन और मत्स्यपालन करती हैं। इसके साथ ही मशरूम उत्पादन भी करती हैं। इसमें उनका साथ उनके पति दीपक उपाध्याय देते हैं। महिला किसान गीता उपाध्याय बताती हैं कि आप नब्बे दिनों में लागत का दोगुना हासिल कर सकते हैं। मशरूम उत्पादन में सभी खर्चे जोड़कर 60 की लागत आती है। 90 दिनों में 500 बैग्स से 10 क्विंटल मशरूम का उत्पादन तक हो जाता है। यह बाजार में 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है। श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।