केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण मे बढ़ाए जा रहे तेजी से कदम
श्रमिक मंत्र, देहरादून। उत्तराखंड में रोपवे निर्माण के प्रयास रंग लाए तो निकट भविष्य में यहां पर्यटन और तीर्थाटन को नए आयाम मिलेंगे। इस कड़ी में केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण को तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। दोनों रोपवे के निर्माण के मद्देनजर प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) एसपीवी (विशेष प्रयोजन साधन) योजना के तहत कंपनी गठित करेंगे। एनएचएआइ ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर शासन को भेजा है। अब राज्य में नई सरकार बनने के बाद इस दिशा में प्रक्रिया तेज की जाएगी। कंपनी बनने पर इन रोपवे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ व चमोली जिले में हेमकुंड साहिब की यात्रा को और अधिक सरल व सुगम बनाने के उद्देश्य से रोपवे निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया गया। असल में, केदारनाथ धाम के लिए गौरीकुंड से पैदल दूरी लगभग 16 किलोमीटर है। इसी तरह हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के लिए घांघरिया से साढ़े पांच किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। दोनों स्थलों के लिए रोपवे बनने से यात्रियों को सहूलियत मिलेगी और हर आयु वर्ग के श्रद्धालु वहां पहुंच सकेंगे। केंद्र सरकार ने भी इसमें रुचि ली और फिर राज्य सरकार ने रोपवे निर्माण के लिए एनएचएआइ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एनएचएआइ ने केदारनाथ व हेमकुंड साहिब रोपवे के लिए कदम बढ़ाए हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार दोनों रोपवे के लिए कौन विकासकर्ता होगा, इस लेकर एनएचएआइ पूर्व में टेंडर जारी कर चुका है। अब उसने एसपीवी का ड्राफ्ट तैयार इसे शासन से साझा किया है। एसपीवी के अंतर्गत कंपनी बनने पर टेंडर आदि की प्रक्रिया होगी। फिर कार्य प्रारंभ हो जाएगा। श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।