यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों पर एक-एक दिन पड़ रहा भारी

 

यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों पर एक-एक दिन पड़ रहा भारी

श्रमिक मंत्र, देहरादून। यूक्रेन में फंसे छात्रों व अन्य व्यक्तियों पर एक-एक दिन भारी गुजर रहा है। वह वतन वापसी के लिए छटपटा रहे हैं, मगर राह नहीं मिल पा रही है। डर के साए में कोई मेडिकल यूनिवर्सिटी के बेसमेंट में फंसा है, तो कोई मेट्रो स्टेशन पर बाहर निकलने के लिए जूझ रहा है। यही नहीं, पैदल ही पोलैंड की सीमा की तरफ चलने वाले छात्रों की भी कमी नहीं है। देहरादून के छात्रों व अन्य निवासियों के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन में छात्र यूक्रेन की आपबीती बयां कर रहे हैं। वतन वापसी के लिए अब तक आठ छात्र व एक अन्य व्यक्ति हेल्पलाइन में संपर्क कर चुके हैं। हेल्पलाइन से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, डिफेंस कालोनी निवासी शिवांश रंसवाल यूक्रेन की डैनिलो हैलिट्स्की लवीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं। हालात विकट होने के चलते उन्हें जान का खतरा सता रहा है। उनके साथ देश के विभिन्न हिस्सों के तमाम छात्र हैं। सभी समूह बनाकर पैदल ही पोलैंड सीमा की तरफ चल रहे हैं। इसी यूनिवर्सिटी के छात्र रुद्रप्रताप सिंह सजवाण हास्टल में फंसे हैं और यहां से निकलने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट महसूस होने लगी है। नेहरू कालोनी निवासी नियति रामपाल व अजबपुर कलां की रहने वाली श्रेया सिंह खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रही हैं। हालात खराब होने के बाद दो दिन उन्होंने किसी तरह हास्टल में गुजारे। जब राहत की कोई सूरत नहीं दिखी तो दोनों छात्राएं मेट्रो स्टेशन-23 की तरफ चल पड़ीं। वर्तमान में दोनों छात्राएं स्टेशन पर ही बाहर निकलने की उम्मीद में बैठी थीं। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि हेल्पलाइन में प्राप्त काल से मिल रही जानकारी को शासन को भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे छात्रों व अन्य व्यक्तियों को सकुशल निकालने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।