चंडीगढ़ बिजली कर्मचारियों ने की 72 घंटे की हड़ताल खत्म

 

चंडीगढ़ बिजली कर्मचारियों ने की 72 घंटे की हड़ताल खत्म

श्रमिक मंत्र, देहरादून। चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों ने 72 घंटे की हड़ताल खत्म कर दी है। हड़ताल 21-22 फरवरी की रात से शुरू हुई थी। सूत्रों के अनुसार कुछ ही घंटों में पूरे शहर में बिजली की आपूर्ति सामान्य कर दी जाएगी। वहीं कुछ इलाकों में बिजली आ भी गई है। चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 30 साल बाद एस्मा लगाया है। निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों की हड़ताल से चंडीगढ़ में ब्लैकआउट रहा है। शहर के तमाम इलाकों में सोमवार रात 12 बजे गई बिजली मंगलवार देर रात तक नहीं आई थी। प्रशासन ने सेना से भी मदद की अपील की थी। प्रशासन और बिजली विभाग स्थिति संभालने में पूरी तरह से नाकाम साबित रहा। न तो बिजली कर्मचारियों को मना पाए और न ही कोई बैकअप प्लान तैयार किया। देर रात चंडीगढ़ प्रशासन ने सेना की मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) की मदद लेने का फैसला लिया। सोमवार रात से 72 घंटे की हड़ताल पर गए कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए देर शाम प्रशासन ने एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लागू कर दिया। हालांकि बुधवार सुबह कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी। बिजलीकर्मियों की ये हड़ताल केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की फाइल को क्लीयर कर बिजली का काम निजी कंपनी एमीनेंट को देने के खिलाफ है। यूनियन का आरोप है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर बिजली विभाग का निजीकरण किया है। कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बिजली संकट से उबरने के लिए प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा से प्रशिक्षित कर्मचारियों की मांग की। पंजाब ने मदद करने में असमर्थता जाहिर कर दी, जबकि हरियाणा की तरफ से प्रशासन को कोई जवाब नहीं मिला था। श्रमिक मंत्र की ये खास रिपोर्ट।