से बुधवार को राजभवन में बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन और उनके परिवार जनों ने मुलाकात की। इस अवसर पर राज्यपाल ने लक्ष्य को थॉमस कप के विजेता बनने पर बधाई दी और उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
श्रमिक मंत्र, देहरादून। राज्यपाल ने लक्ष्य की इस शानदार सफलता को उत्तराखंड के लिए एक प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं में वह क्षमता है कि वे किसी भी सफलता को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि थॉमस कप में लक्ष्य की ऐतिहासिक जीत यह साबित करती है कि उत्तराखंड के युवाओं की प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उत्तराखंड के युवा भी बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं, इस बात को लक्ष्य ने साबित कर दिया है। उन्होने कहा कि हमारे युवाओं को यह ध्यान में रखना होगा कि सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता, लक्ष्य के दादा, पिता की लगन और मेहनत के बाद लक्ष्य ने बैडमिंटन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होने लक्ष्य को उत्तराखण्ड के युवाओं का आईकॉन बताया है।
लक्ष्य सेन ने भी अपने विचार साझा किये और बताया कि बैडमिंटन के क्षेत्र में यह उपलब्धि प्रेरणा देने वाली है। उन्होंने बताया कि बचपन से यही सोचता था कि जब दूसरे लोग जीत हासिल कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं, इस विचार पर एकाग्र रहकर मैंने बडे़ से बड़े खिलाड़ियों के साथ बैटमिंटन खेला और इसी का परिणाम है कि मैं थामस कप का विजेता बन सका।
लक्ष्य के पिता डी.के. सेन ने अल्मोड़ा बैडमिंटन कोर्ट का नाम लक्ष्य के दादा के नाम पर रखने, उत्तराखंड में एक बैडमिंटन अकादमी की स्थापना की इच्छा जताई। साथ ही यह भी बताया कि देहरादून में नवनिर्मित बैडमिंटन हाल अभी किसी को भी आवंटित नहीं हुआ है, उस कोर्ट को उत्तराखंड बैडमिंटन एसोसिएशन को ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित करने के लिए आवंटित कर दिया जाये ताकि उत्तराखंड के बच्चों को बैडमिंटन की कोचिंग सुलभ हो सके। इस अवसर पर उत्तरांचल बैडमिंटन एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती अलकनंदा अशोक, उनके पिता डी.के.सेन व माता श्रीमती निर्मला सेन भी उपस्थित रहीं। देहरादून से श्रमिक मंत्र,संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।