चारधाम यात्रा की सुविधा के लिए पड़ावों पर खुले ढाबे, लेकिन खाने की निम्न गुणवत्ता के साथ वसूले जा रहे अधिक दामश्रमिक मंत्र, देहरादून। चारधाम यात्रा अपने चरम पर है। तीन लाख से अधिक यात्री चारों धामों में दर्शन कर चुके हैं। तीर्थ यात्रियों की खाने की सुविधा के लिए पड़ावों पर ढाबे भी खुले हुए हैं। लेकिन, धामों के निकटवर्ती यात्रा पड़ाव पर खाने की निम्न गुणवत्ता के साथ अधिक दाम वसूले जा रहे हैं। जिससे यात्री व पर्यटक सबसे अधिक परेशान हैं। भोजन की गुणवत्ता पर नजर बनाए रखने के लिए खाद्य संरक्षा विभाग एवं प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं है। खाने की गुणवत्ता सही ना होने पर यात्रियों को 80-100 रुपये की एक मैगी खाकर पेट भरना पड़ रहा है। अधिकांश होटल ढाबों में रेट लिस्ट भी चस्पा नहीं है। उत्तरकाशी जनपद में दो प्रमुख धाम हैं। इन दोनों धामों के मार्ग पर 20 से अधिक प्रमुख पड़ाव हैं। इन पड़ावों पर यात्रियों के खाने के लिए ढाबे खोले गए हैं। सबसे अधिक शिकायतें सुक्की टाप से लेकर गंगोत्री और स्याना चट्टी से लेकर यमुनोत्री तक के ढाबों पर आ रही है। राजस्थान जयपुर निवासी रवि कुमार जसवाल कहते कि गंगोत्री धाम की यात्रा के दौरान उन्होंने गंगोत्री मार्ग पर जसपुर के पास एक होटल में खाना आर्डर दिया। 300 रूपये प्रति खाने की थाली का रेट था। जब खाना आया तो उसकी गुणवत्ता घटिया थी। मजबूरी में उन्हें अचार के साथ चावल खाने पड़े। देहरादून से आए पवन रावत ने कहा कि ढाबा संचालकों ने मैगी का रेट भी दोगुना कर दिया है। श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।