1995 से आयोजित होता आ रहा है विरासत महोत्सव

1995 से आयोजित होता आ रहा है विरासत महोत्सव

श्रमिक मंत्र देहरादून । 2 साल बाद विरासत फिर से होंगे विरासत महोत्सव । एक होटल में प्रेस वार्ता के दौरान विरासत महोत्सव के आयोजक ने पत्रकारों को बताया कि अप्रैल से 15 से 29 अप्रैल तक देहरादून में होंगे विरासत महोत्सव । और इस मौसम में उत्तराखंडी संस्कृति के साथ-साथ विभिन्न राज्यों की संस्कृति देखने को मिलेगी विरासत महोत्सव में । वहीं जाने-माने सांस्कृतिक संस्था रीच द्वारा ’विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022’ का आयोजन होने जा रहा है। यह विरासत मौसम 15 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल 2022 तक डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम (कौलागढ़ रोड) देहरादून में होगा। संस्था के संयोजक ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अब विरासत महोत्सव 2 साल बाद हो रहा है। संस्था के सदस्यों ने कहा की विरासत 2022 में इस बार देहरादून वासियों को रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बहुत कुछ देखने को मिलेगा। वही इस कार्यक्रमों में मुख्य रूप से क्राफ्ट विलेज, फूड फेस्टिवल, क्लासिकल म्यूजिक एंड डांस, फोक म्यूजिक एंड डांस, कर्न्सट के साथ-साथ क्राफ्ट वर्क शॉप, विंटेज एंड क्लासिक कार एंड बाइक रैली एवं क्विज आदि प्रोग्राम होगा। साथ ही आयोजित कार्यक्रम मे विरासत अपनी रजत जयंती संस्करण के तहत पदम भूषण परवीन सुल्ताना, गजल गायक तलत अजीज, वडाली ब्रदर्स, लांगा मांगनियार, कत्थक और बांसुरी वादन के साथ-साथ फोटोग्राफी प्रतियोगिता, आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क शॉप जैसे कार्यक्रमों का संगम लेकर आया है। इस वर्ष विरासत महोत्सव ओएनजीसी के प्रबंध निदेशक डॉ अलका मित्तल को विरासत सम्मान भी प्रदान करेगा जो उनकी और ओएनजीसी द्वारा वर्षों से इस उत्सव को जबरदस्त समर्थन देते आ रहे है। वही इसके अतिरिक्त रीच की स्थापना 1995 में देहरादून में हुई थी, तबसे रीच देहरादून में विरासत महोत्सव का आयोजन करते आ रहा है। और संस्था उद्देश्य है कि कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत के मूल्यों को बचा के रखा जाए । और इन सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। इतना ही नहीं विरासत महोत्सव कई ग्रामीण कलाओं को पुनर्जीवित करने में सहायक रहा है । जो दर्शकों के कमी के कारण विलुप्त होने के कगार पर था। विरासत हमारे गांव की परंपरा, संगीत, नृत्य, शिल्प, पेंटिंग, मूर्तिकला, रंगमंच, कहानी सुनाना, पारंपरिक व्यंजन, आदि को सहेजने एवं आधुनिक जमाने के चलन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । और इन्हीं वजह से हमारी शास्त्रीय और समकालीन कलाओं को पुणः पहचाना जाने लगा है। विरासत 2022 आपको मंत्रमुग्ध करने और एक अविस्मरणीय संगीत और सांस्कृतिक यात्रा पर फिर से ले जाने का वादा करता है।
देहरादून से श्रमिक मंत्र संवाददाता की एक खास रिपोर्ट ।