तनाव को दूर करने हेतु मनोचिकित्सकों ने दी ट्रेनिंग
श्रमिक मंत्र, देहरादून । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सभागार में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत गेटकीपर्स ट्रेनिंग फॉर स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड स्लीप डिसऑर्डर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में तनाव व नींद विकारों को कम करने हेतु प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया।गेटकीपर्स ट्रेनिंग का उद्देश्य सरकारी संगठनों में प्रशासनिक पद पर कार्यरत सरकारी अधिकारियों द्वारा अपने आधीन कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों में मानिसक तनाव व स्लीप डिसऑर्डर के लक्षणों की पहचान कर काउंसलिंग एवं उपचार प्रदान कराया जाना है, जिससे कार्यालय में वर्क एनवायरनमेंट को बेहतर किया जा सके साथ ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कार्य क्षमता को बेहतर किया जा सके। साथ ही तनाव व स्लीप डिसऑर्डर के कारण भविष्य में होने वाले रोगों से भी बचाव किया जा सके।गेटकीपर्स ट्रेनिंग में एम्स ऋषिकेश के मनोचिकित्सकों प्रोफेसर डॉ. रवि गुप्ता व एडिशनल प्रोफेसर डॉ. अनिंद्या दास द्वारा आमजनमानस में तनाव के लक्षणों की पहचान कर, दुष्प्रभावों को कम करने व अत्याधिक तनाव वाले व्यक्तियों के कामकाज, व्यवहार, और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया।मनोचिकित्सकों ने बताया की मानसिक रोगियों की अधिक संख्या के उपरान्त भी मानसिक रोग की उपेक्षा की जाती है, परन्तु शारीरिक रोगों की भांति ही मानसिक रोग भी हमारे स्वास्थ्य एवं शरीर पर प्रतिकूत प्रभाव डालते हैं। चार परिवारों में से कम से कम एक परिवार के सदस्य में मानसिक विकार से ग्रस्त होने की संभावना होती है। मानसिक बीमारी व उनके लक्षणों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि तनाव ग्रसित लोगों का समयान्तर्गत उपचार किया जा सके। मनोचिकित्सकों द्वारा परस्पर संवाद आयोजित कर प्रशनावली के माध्यम से उपस्थित प्रतिभागियों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक कर उनके द्वारा तनाव व अनिद्रा से संबंधित समस्याओं के निवारण करने के तरीके साझा किये गये। उक्त सत्र में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, एन.एच.एम., उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समीति, आयुर्वेद सेवाएं उत्तराखंड, उत्तराखंड हैल्थ सिस्टम डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट व सीएमओ कार्यालय देहरादून से विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। ट्रेनिंग सत्र में एनएचएम निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, प्रभारी अधिकारी डॉ. फरीदुजफर, डॉ. अजय कुमार नगरकर, डॉ. पकंज सिंह, डॉ. मुकेश रॉय, आदि अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।