पीएम की ध्यान साधना का विरोध विपक्ष का डर और सनातन विरोधी चेहरा: भट्ट

उन्होंने पीएम की साधना की खबर रोकने की मांग जनता को दुनिया के अपने सबसे लोकप्रिय नेता से दूर रखने की साजिश करार दिया है

श्रमिक मंत्र,देहरादून। भाजपा ने पीएम नरेंद्र मोदी की साधना पर विपक्ष के विरोध को चुनाव में मिलने वाली हार का डर करार दिया है।

राज्यसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तंज किया कि नकारात्मक और सनातन विरोधी राजनीति करने वालों को मोदी के बोलने से और मौन रहने से भी परेशानी है।

उन्होंने पीएम की साधना की खबर रोकने की मांग जनता को दुनिया के अपने सबसे लोकप्रिय नेता से दूर रखने की साजिश करार दिया है।

भट्ट ने चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कन्याकुमारी में ध्यान साधना करने को सनातन परंपरा का हिस्सा बताया है और कहा कि सदियों से किसी भी बड़े काम काज के पूर्ण होने के बाद पूजा पाठ,ध्यान साधना का महत्व रहा है।

स्वयं स्वामी विवेकानंद ने भी भारत भ्रमण के बाद, कन्याकुमारी की शिला पर 3 दिन साधना की थी। जिसमे यात्रा से हासिल अनुभव और भारत के भविष्य को लेकर विचार मंथन उन्होंने किया।

मंथन से निकले अमृत विचारों के माध्यम से उन्होंने शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में सनातन धर्म को शीर्ष पर स्थापित किया।

उन्होंने कहा कि मोदी के जीवन में स्वामी जी के विचारों एवं जीवनशैली का बड़ा प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता है। उनका अनुसरण करते हुए चुनाव के दौरान दो महीने की अपनी भारत यात्रा का समापन वे इसी विवेकानंद शिला पर सात्विक एवं सनातन परंपरा के साथ कर रहे हैं।

विवेकानंद जी ने जिस एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना इसी शिला पर ध्यान के दौरान देखा था उसे धरातल पर उतारने का काम मोदी ने किया है।

उन्होंने मोदी की इस ध्यान साधना पर कांग्रेस समेत विपक्ष की आपत्तियों एवं बयानबाजियों को अफसोसजनक एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

साथ ही आरोप लगाया कि ये सब इंडी गठबंधन की सनातन विरोधी एवं नकारात्मक सोच को दर्शाता है । क्योंकि कल तक जिन्हे मोदी के बोलने और उनकी पोल खोलने पर समस्या होती थी, उनको आज मोदी के मौन रहने से भी दिक्कत है।

इससे पूर्व भी वे 2019 के चुनावों के बाद फिर से ऊर्जा ग्रहण करने के लिए श्री केदारनाथ धाम में 14 घंटे साधना करने गए थे ।

अब इस बार कन्याकुमारी में वे 45 घंटे एकांतवास में ध्यान करना चाहते हैं तो इससे दिक्कत केवल सनातन विरोधियों को ही हो सकती है।

पीएम मोदी भारतीय सनातन संस्कृति और स्वामी विवेकानंद के विचारों का स्वाभाविक ध्वजवाहक हैं । ऐसे में सनातन एवं राष्ट्र विरोधी ताकतों को उनकी साधना एवं आस्था से दिक्कत होनी स्वाभाविक है।

भट्ट ने  विपक्ष की उनके प्रसारण को लेकर आपत्ति को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मोदी देश ही नहीं दुनिया के भी सबसे लोकप्रिय राजनेता हैं।

वे देश के प्रधानमंत्री हैं और भारतीय संस्कृति के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। देश दुनिया उनको प्यार और उनका अनुसरण करती है, लिहाजा स्वाभाविक है कि लोग उनकी पल पल की जानकारी रखना चाहेंगे।

इंडी गठबंधन को 6 चरणों के चुनाव में अपनी करारी हार का अहसास हो गया है। यही वह है कि मोदी  लोकप्रियता से डर से वह उनके ध्यान की खबर को भी जनता के बीच पहुंचने से रोकना चाहते हैं ।