रक्तदान का कोई विकल्प नहीं:- अक्षय कोंडे, एसपी ट्रैफिक
विधायक उमेश शर्मा काऊ ने किया रक्तदान शिविर का उद्घाटन
– लाइफ केयर पैथोलॉजी सेंटर ने किया आयोजन, 50 यूनिट रक्तदान
– राज्य में कोरोना व डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए किया गया शिविर का आयोजन
श्रमिक मंत्र,देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते हुए कोरोना व डेंगू मरीजों की संख्या व खून की कमी को देखते हुए लाइफ केयर पैथोलॉजी सेंटर में रविवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन विधायक उमेश शर्मा काऊ और एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक होना चाहिए। एक रक्तदान एक साथ तीन लोगों का जीवन बचा सकता है। शिविर में 50 यूनिट रक्तदान किया गया। रक्तदान शिविर महंत इंद्रेश अस्पताल के सहयोग से आयोजित किया गया।
धर्मपुर डांडा राजीव नगर स्थित लाइफ केयर पैथोलॉजी सेंटर में रक्तदान शिविर का उद्घाटन करते हुए विधायक काऊ ने आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रक्त की महत्ता समझ में आई। उन्होंने लोगों से अपील की कि साल में एक बार जरूर रक्तदान करें। शिविर में एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे ने भी रक्तदान किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह हर साल दो या तीन बार रक्तदान करते हैं। उनके अनुसार दवाएं तो मिल जाती हैं लेकिन मानव जीवन को बचाने के लिए रक्त कहीं नहीं मिलता।
लाइफ केयर पैथोलॉजी सेंटर के संचालक राजेश रावत ने बताया कि यह सेंटर का आठवां रक्तदान शिविर है। वह स्वयं अब तक 16 बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान से शरीर स्वस्थ रहता है और नये रक्त का निर्माण होता है। शिविर में 100 से अधिक लोग रक्तदान को पहुंचे लेकिन स्वास्थ्य कारणों से बड़ी संख्या में लोग रक्तदान नहीं कर पाये। इस मौके पर रक्तदान को पहुंचे लोगों की शुगर व ईसीजी जांच भी निशुल्क की गई।
रक्तदान शिविर में मौजूद सीनियर फिजिशियन डॉ. मनोज कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि रक्तदान महादान है क्योंकि रक्तदान कृत्रिम नहीं बनता। कोरोना वैक्सीन लगाने वाले लोग भी वैक्सीनेशन के सात दिन बाद रक्तदान कर सकते हैं। हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं का सर्किल महज 120 दिन होता है। ऐसे में नये रक्त की जरूरत होती है। यदि रक्तदान किया जाता है इससे व्यक्ति निरोगी रहता है और उसके शरीर में नये खून का संचार होता है।
शिविर में आम जनमानस को रक्तदान के लिए जागरूक कर रहे सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ. नवल किशोर मिश्रा के अनुसार 18 साल की उम्र से 60 साल की उम्र तक का व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान के महज 24 घंटे की अवधि में दोबारा से रक्त बन जाता है। रक्तदाता को कभी घबराना नहीं चाहिए। रक्तदान को लेकर जागरूकता की जरूरत है। रक्तदान से कोई शारीरिक कमजोरी नहीं आती। इस मौके में राजेश रावत, शेखर, राकेश बिजल्वाण, रमन जायसवाल, बिजेन्द्र रावत, विशेष,विजय उनियाल,प्रकाश बडोनी,संदीप,पूनम,प्रियंका,अमित चंद्र,आदि मौजूद रहे। देहरादून से श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।