देवभूमि जल शक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन भुगतान में हो रही देरी के संदर्भ में सचिव पेयजल को ज्ञापन दिया
देवभूमि जनशक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन उत्तराखंड भुगतान को लेकर सौंपा ज्ञापन
तीन दिवसीय कार्यकाल के भीतर भुगतान करने का दिया अल्टीमेटम
श्रमिक मंत्र देहरादून । जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यों की प्रगति बहुत धीमी हो चुकी है क्योंकि पिछले आठ माह से जल जीवन मिशन में भुगतान नहीं हुए हैं, इस स्थिति में ठेकेदारों की पूँजी समाप्त हो चुकी हैं,अब ठेकेदारों को लेबर,स्टाफ,मशीनरी सप्लायर का भुगतान करने हेतु धन राशि नहीं बची हैं एवं बैंक का ब्याज देने को भी नहीं बचा है, जबकि कार्यस्थल पर कार्य ठेकेदारों द्वारा 98 % तक पूर्ण कर दिए गए हैं अथवा कही कही तो 100% कार्य पूर्ण करने के उपरांत भी विभाग द्वारा एक्स्ट्रा आइटम वेरिएशन नहीं बनाए गए हैं ।
जिसके कारण विभाग द्वारा बार बार कहा जाता हैं कि जब पैसा आएगा तब फाइनल बिल/एक्स्ट्रा आइटम सब बना दिए जाएंगे ऐसी स्थिति में कई योजनाएं ऐसी हैं जिसमें ठेकेदारों द्वारा एक साल जलापूर्ति देने के उपरांत भी विभाग द्वारा रखरखाव समय पूर्ण होने के उपरांत भी उनकी जमानत राशि वापिस नहीं की जा रही हैं क्योंकि अंतिम देय की मापे नहीं हुई हैं एक्स्ट्रा आइटम वेरिएशन नहीं बनाये गए हैं या FCR नहीं आयी है।
यहाँ यह भी अवगत कराना हैं कि थर्ड पार्टी अनुबंध का पार्ट नहीं हैं इसलिए FCR न आने पर भुगतान रोके जाने का कोई औचित्य नहीं है, जबकि मुख्य अभियंता मुख्यालय जल निगम द्वारा अपने पत्रांक संख्या में भी अपने अधीक्षण अभियंताओं को निर्देशित किया था तदोपरांत भी शाखाओं द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसी क्रम में GM जल संस्थान द्वारा अपनी शाखाओं को कई बार मापें, एक्स्ट्रा आइटम के लिए निर्देशित किया,तदोपरांत भी आज तिथि तक भी शाखाओं द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी विभाग में उच्च अधिकारियों के आदेशों का शाखाएं पालन करने के लिए तैयार नहीं होती हैं।
आपसे पुनः निवेदन हैं कि जैसा के आपको विदित है कि उत्तराखंड राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यों को हमारे ठेकेदार भाइयो ने काफी तेजी एवं गुणवत्ता पूर्वक पूर्ण किये हैं एवं राज्य कि कई योजनाओं को हर घर जल हर घर नल कर भी दिया गया है अन्य राज्यों के मुकाबले हमारे राज्य में माननीय प्रधानमंत्री जी के ड्रीम प्रोजेक्ट एवं हमारे राज्य के माननीय मुख्यमंत्री के सहयोग से राज्य की कई योजनाओं को हर घर जल हर घर नल करवा भी दिया गया है,परन्तु जैसा आपको विदित हैं काफी लम्बे समय से धन आवंटन ना होने के कारण हमारी कई योजनाएं जो 90 से 98 % पूर्ण हैं ,उनको पूर्ण करना अब ठेकेदारों के लिए असंभव हो गया है ।
महोदय,यहाँ यह भी अवगत करना हैं कि हमारे ठेकेदार भाई काफी लम्बे समय से आर्थिक उत्पीड़न से परेशान हैं उसके बावजूद विभाग द्वारा बार बार कार्य शीघ्र पूर्ण करने,योजनाओं को चलाने का दवाब लगातार बनाया जा रहे हैं नहीं तो अनुबंध निरस्त करने की बात कही जाती हैं एवं कई शाखाओं में तो हमारे ठेकेदार भाइयो के अनुबंध निरस्त किये भी जा चुके हैं बिना मापों के एवं उनकी नयी निविदाएं निकाल दी जाती है एवं ठेकेदार भाइयों को टाइम एक्सटेंशन पेनल्टी लगाकर देने को कहा जा रहा हैं जो कि उचित नहीं हैं क्योंकि कार्य ज़्यादातर विभाग की लापरवाहियों जैसे वन विभाग की अनुमति NH /HIGH WAY /PWD की अनुमति , विद्युत् विभाग द्वारा दिए जाने वाले कनेक्शंस उच्च जलाशयों की भूमि एवं डिज़ाइन ड्राइंग अप्रूवल समय पर ना दिलाना कई कार्यस्थलों पर आज तिथि तक भी कई विभागों की अनुमति प्राप्त नहीं हुई हैं जिस कारण एवं समय से धन न मिलने के कारण योजनाओं में देरी हुई हैं, ऐसे में आर्थिक समस्या से जूंझ रहे ठेकेदार भाई को मानसिक उत्पीड़न देकर ठेकेदार भाइयो का शोषण किया जा रहा हैं ऐसी स्थिति में हमारा तीन दिन में भुगतान न होने पर हमें कार्यबंदी पर जाने के लिए विवश होना पड़ेग।
मुख्य मांगे
1. तीन दिन में धन आवंटन करना 2. किये गये कार्यों की मापें माप पुस्तिका पर की जाए
3. एक्स्ट्रा आयटम वेरिएशन अप्रूव्ड करा कर माप पुस्तिका पर माप हो 4.वन विभाग / NH/ HIGHWAY | BWD) , विद्युत विभाग द्वारा अप्रूवल 5-पेनाल्टी राहत टाइम एक्सटेंशन ।
6.जिस गांव में । साल से अधिक समय से पानी चलाया जा रहा है, उनकी सिक्योरिये रिलीज कराना 7-TPI की रिपोर्ट ना आने की तिथि में ठेकेदार का भुगतान ना रोका जाए।
डिजाइन-ड्राइंग की स्वीकृति में देरी आदि कारणों को दरकिनार ना किया जाए l अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो मजबूरन कार्य बंदी एवं जिलों में कार्य बंदी पर धरना शाखा स्तर पर किया जायेगा जिससे चलती हुई योजनायें भी प्रभावित होंगी , जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखंड राज्य सरकार की होगी।