सरकार द्वारा प्रभावितों को हर प्रकार की राहत के आश्वासन को पूरा करते हुए अन्तरिम राहत के तौर पर अभी तक 42 प्रभावितों को 63 लाख रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है
तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों हेतु एस डीआर एफ के तहत 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गई है
वर्तमान समय में जोशीमठ में एन0डी0आर0एफ की 02 टुकड़ियां तैनात की गई है तथा जोशीमठ क्षेत्र हेतु एक टुकड़ी और रवाना की जा रही है जोशीमठ में एस0डी0आर0एफ0 की 08 टुकड़ियां तैनात की गई हैभारत सरकार द्वारा किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु गौचर मे सेना, आईटीबीपी के हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं
सी बी आर आई,वाडिया इन्सटीयूट, जीएसआई,आई आई आर एस तथा एन जी आर आई की एक समिति जोखिम मूल्यांकन हेतु गठित की गई है
पानी के डिस्चार्ज में 50 प्रतिशत से भी अधिक की कमी आई है
आई. आई. आर. एस द्वारा लैण्ड मूवमेन्ट के सैटेलाइट फोटोग्राफस उपलब्ध कराये जायेंगे
सी0बी0आर0आई0 द्वारा अस्थायी पुनर्वास किये जाने हेतु प्री फेब हट के डिजाईन तैयार किये जा रही है
सी0बी0आर0आई0 की टीम ने जोशीमठ पहुंचकर क्षतिग्रस्त भवनों का सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया है
वाडिया संस्थान द्वारा क्षेत्र का भूकंप की दृष्टि से अध्ययन किया जा रहा है
वाडिया संस्थान द्वारा 03 भूकम्पीय स्टेशन स्थापित
आई0आई0टी0 रूड़की द्वारा भू-तकनीकी अध्ययन किया जा रहा हैं
जी0एस0आई0 द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भूमि सर्वेक्षण एवं पुनर्वास किये जाने हेतु चयनित भूमि का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है
एनजीआरआई हैदराबाद की टीम भूमिगत जल चैनल के अध्ययन हेतु कल जोशीमठ पहुंच रही है
श्रमिक मंत्र,देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने गुरुवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा प्रभावितों को दिए गए हर प्रकार के राहत के आश्वासन को पूरा करते हुए विस्थापन हेतु अंतरिम राहत के रूप में 42 परिवारों को 63 लाख रुपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है। सी0बी0आर0आई0 द्वारा धवस्तीकरण से नुकसान का आंकलन,जिन आवासों/भवनों का धवस्त किया जाना है, का निगरानी और अस्थायी पुनर्वास किये जाने हेतु प्री फेब हट की डिजाईन तैयार की जा रही है। सी0बी0आर0आई0 की टीम आज जोशीमठ पहुंच गयी तथा क्षतिग्रस्त भवन का सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। वर्तमान समय में जोशीमठ में एन0डी0आर0एफ की 02 टुकड़ियां तैनात की गई है तथा जोशीमठ क्षेत्र हेतु एक टुकड़ी और रवाना की जा रही है। जोशीमठ में एस0डी0आर0एफ0 की 08 टुकड़ियां तैनात की गई है।
इसके साथ ही आकस्मिक स्थिति हेतु सेना,आईटीबीपी के हैलीकाॅप्टर तैनात किए गए है। आई0आई0टी0 रूड़की द्वारा भू-तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है। आई.आई.आर.एस द्वारा लैण्ड मूवमेन्ट का सैटेलाइट फोटोग्राफस उपलब्ध कराये जायेंगे। जी0एस0आई0 द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भूमि सर्वेक्षण एवं पुनर्वास किये जाने हेतु चयनित भूमि का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है। वाडिया संस्थान द्वारा क्षेत्र के भूकम्प के दृष्टि से अध्ययन किया जा रहा है तथा 03 भूकम्पीय स्टेशन लगाये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त भूमिगत उप-सतही सर्वेक्षण के भूभौतिकीय अन्वेषण शुरू किया गया है। राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भु-भौतिकीय अध्ययन किया जा रहा है, जिसका हाइड्रोलॉजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जायेगा। एन जी आरआई हैदराबाद की टीम कल जोशीमठ पहुंच रही है, जोकि भूमिगत जल चैनल का अध्ययन करेगी। जोखिम मूल्यांकन हेतु सी बी आर आई, वाडिया इन्सटीयूट, जीएसआई, आई आई आर एस तथा एन जी आर आई की समिति गठित की गई है।
सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो 06 जनवरी 2023 करे 540 एल0पी0एम0 था, वर्तमान में घटकर 240 एल0पी0एम0 हो गया है। अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 344 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 1425 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। उन्हें चिहिन्त कर लिया गया हैं। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार 5000 रूपये की दर से घरेलू राहत सामाग्री हेतु अभी तक कुल 73 ( कुल 3.65 लाख रूपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतु 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि जनपद चमोली में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये धनराशि रू 11.00 करोड़ पूर्व में ही अवमुक्त की जा चुकी है। 4000 रुपये प्रति परिवार की दर से 03 परिवारों को 12000 रुपये वितरित किये जा चुके हैं। जोशीमठ में ड्रेनेज सम्बन्धित कार्यों तथा टो-इरोजन की रोकथाम हेतु तत्काल कार्य प्रारम्भ किये जाने के उद्देश्य से ई० पी० सी० मोड में कार्य करवाने के लिये सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है तथा उक्त प्रस्ताव में प्रस्तावित एकल स्रोत की संस्था को नामित किये जाने हेतु पत्रावली वित्त विभाग के अनुमोदन हेतु भेजी गयी है। जोशीमठ में आपदा प्रभावित एच० टी०/एल० टी० लाइन एवं परिर्वतकों को स्थानांतरित किये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को धनराशि रु 214.43 लाख अवमुक्त की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि अभी तक 760 भवनों की संख्या जिनमें दरार दृष्टिगत हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि गांधीनगर में 01,सिंह धार में 02, मनोहर बाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 128 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 145 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 589 है। प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबंधन, निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन प्रबंधन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून,निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आई आई टी आर उपस्थित थे।