उत्तराखंड में निजी अस्पतालों ने कोरोना वैक्सीन की सतर्कता डोज लगाने से किया इन्कारश्रमिक मंत्र, देहरादून। भारत सरकार ने 10 अप्रैल से 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की सतर्कता डोज लगाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन राज्य में यह व्यवस्था अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। यह टीकाकरण केवल निजी अस्पतालों में होना था। निजी अस्पतालों के इन्कार करने के बाद अब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर मुफ्त में वैक्सीन लगाने की मांग की है।उत्तराखंड में 18 से 59 वर्ष तक के लोग सतर्कता डोज लगाने के लिए भटक रहे हैं। जब वह सरकारी अधिकारियों को फोन करते हैं तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता। निजी अस्पताल संचालकों ने वैक्सीन ली ही नहीं। माना जा रहा है कि एक बार में तीन हजार डोज खरीदने की बाध्यता के चलते निजी अस्पताल संचालकों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. कुलदीप मर्तोलिया का कहना है कि प्रदेश में तमाम लोग ऐसे हैं, जो कोरोनारोधी वैक्सीन का निर्धारित शुल्क 386.25 रुपये वहन नहीं कर सकते हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में तमाम जगह निजी अस्पताल नहीं हैं। ऐसे में राज्य की भौगोलिक परिस्थिति और आर्थिक स्थिति को देखते हुए भारत सरकार से वैक्सीन मुफ्त करने की मांग की गई है। इसके लिए पत्र भेज दिया गया है। पत्र का जवाब आते ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। श्रमिक मंत्र संवाददाता की ये खास रिपोर्ट।
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