
श्रमिक मंत्र, देहरादून। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य में रेशम कीट बीज उत्पादन कार्यों को गति देते हुए विभाग ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। गत वर्ष में विभाग द्वारा 312 मीट्रिक टन शहतूत कोया, 55,352 ओकटसर कोया तथा 10 हजार किग्रा एरी रेशम कोयो का उत्पादन किया गया, जिससे लगभग 9 हजार कृषक परिवार लाभान्वित हुए।
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के अंतर्गत गत वर्ष 13 जनपदों में 300 महिला लाभार्थियों का चयन कर 90 हजार शहतूती पौधों का रोपण किया गया। इन लाभार्थियों को ककून क्राफ्ट एवं रेशम धागाकरण का प्रशिक्षण देकर रेशम उत्पादन से जोड़ा जा रहा है।
जनपद पौड़ी के यमकेश्वर विकासखंड में देवभूमि रेशम किसान संगठन द्वारा 300 एकड़ भूमि पर शहतूत वृक्षारोपण किया गया है, जिसमें 600 किसान रेशम कीट पालन से जुड़े हैं। भविष्य में इस क्षेत्र में रेशम धागाकरण एवं वस्त्रोपादन कार्य भी प्रस्तावित है, जिससे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा।
उत्तराखंड को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के अंतर्गत ग्रोथ सेंटर सेलाकुई में तीन पावरलूम स्थापित कर प्रदेश में रेशमी साड़ियों का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। वर्ष 2024-25 में 45 हजार मीटर वस्त्र का उत्पादन किया गया है। आगामी वर्ष 2025-26 में देहरादून में सिल्क मार्क ऑफ इंडिया के सहयोग से ‘रेशम घर’ की स्थापना प्रस्तावित है। साथ ही सितम्बर माह में देहरादून में सिल्क एक्सपो का आयोजन भी किया जाएगा।